Finance Department Kya Hai in Hindi – वित्त विभाग के कार्य, उद्देश्य व महत्व

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फाइनेंस डिपार्टमेंट या वित्त विभाग भारत सरकार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है किसी भी देश को आर्थिक रूप से चलाने के लिए फाइनेंस डिपार्टमेंट का होना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि एक मात्र यही विभाग है जो देश की आर्थिक कार्यों को देखता है व देश को सुचारू रूप से चलाने का कार्य करता है प्रत्येक राज्य का अपना अलग फाइनेंस डिपार्टमेंट होता है जो राज्यों के कार्यों को देखता है और एक फाइनेंस डिपार्टमेंट पूरे देश का होता है जो पूरे देश के कार्यों को संभालता है आगे हम बात करेंगे कि Finance Department Kya Hai in Hindi से जुड़े सभी सवालों के जवाब हम आगे ब्लॉग में देंगे आज हम इस ब्लॉग में देखेंगे कि फाइनेंस डिपार्टमेंट क्या है, वित्त विभाग के कार्य क्या है,  वित्त विभाग के उद्देश्य एवं महत्व क्या है और भी बहुत कुछ हम  Finance Department Kya Hai in Hindi ब्लॉग में देखेंगे और सीखेंगे

Finance Department Kya Hai in Hindi

आपने कई बार बजट के बारे में सुना होगा बजट बनाने का काम फाइनेंस डिपार्टमेंट ही करता है फाइनेंस डिपार्मेंट किसी भी देश या राज्य का एक महत्वपूर्ण विभाग होता है जोकि प्रत्येक देश का एक  फाइनेंस डिपार्टमेंट होता है तथा राज्यों का अपना-अपना वित्त विभाग या फाइनेंस डिपार्टमेंट होता है भारत का फाइनेंस डिपार्टमेंट दिल्ली में स्थित है जो दिल्ली से  देश के फाइनेंस से संबंधित कार्य करता है तथा योजनाएं बनाता है फाइनेंस डिपार्टमेंट का संबंध धन से संबंधित कार्यों से होता है जहां पर भी धन का लेनदेन होता है वहां पर फाइनेंस डिपार्टमेंट के कार्य होते हैं

वित्त विभाग में जितने भी धन  से संबंधित कार्य होते हैं  उन सभी की निगरानी फाइनेंस ऑफिसर रखता है वित्त विभाग वित्त मंत्रालय का एक हिस्सा होता है जो वित्त मंत्रालय के अधीन कार्य करता है किसी भी देश का आर्थिक रूप से मजबूत होने में योगदान फाइनेंस डिपार्टमेंट का यह रहता है जब फाइनेंस डिपार्टमेंट मजबूत होता है तो देश का आर्थिक विकास खुद ब खुद होगा फाइनेंस डिपार्टमेंट राज्यों और केंद्र सरकार के बीच जितने भी वित्तीय लेनदेन है उनकी निगरानी रखता है वित्त विभाग देश के बजट बनाने में अपना योगदान देता है देश में जितना भी लेन-देन होता है उन सब पर फाइनेंस डिपार्टमेंट की निगरानी रहती है आर्थिक संकट के समय फाइनेंस डिपार्टमेंट  का अपना अलग ही  महत्व होता है

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वित्त विभाग में कितने विभाग होते हैं?

भारत के फाइनेंस डिपार्टमेंट के कुल 5 विभाग है जिनका अपना अलग-अलग कार्य होता है यहां  हम जानेंगे कि फाइनेंस डिपार्टमेंट के पांच कौन-कौन से विभाग है जिनके नाम हम नीचे दे रहे हैं जिससे कि आपको पता चल जाएगा कि फाइनेंस डिपार्टमेंट के कितने  विभाग है

  • आर्थिक कार्य विभाग
  • व्यय विभाग
  • राजस्व विभाग
  • वित्तीय सेवाएँ विभाग
  • विनिवेश विभाग

आर्थिक कार्य विभाग

आर्थिक विभाग का मुख्य कार्य भारत सरकार के लिए आर्थिक नीतियां बनाना है इस विभाग की अपनी अलग अलग शाखाएं होती है जिनके बारे में हम नीचे बात करेंगे

  • वित्त प्रभाग (Finance Division)
  • बजट प्रभाग (budget division)
  • बैंकिंग और बीमा प्रभाग (Banking & Insurance Division)
  • पूंजी बाज़ार (capital market)
  • द्विपक्षीय सहयोग (bilateral cooperation)
  • विदेश व्यापार (foreign trade)
  • कोष बैंक डिवीजन (treasury bank division)
  • राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) और प्रशासन (Fiscal Responsibility and Budget Management (FRBM) and Administration)
  • सहायता, लेखा और लेखा परीक्षा के नियंत्रक (Aid, Controller of Accounts and Audit)
  • आर्थिक प्रभाग। (Economic Division.)

आर्थिक विभाग सरकार को  आर्थिक प्रबंधन अथवा मैनेजमेंट से संबंधित कार्यों के बारे में सरकार को सलाह देता है इन कार्यों के अंदर ऋण, निवेश , मूल्यों, राजकोषीय और मौद्रिक निति से संबंधित सलाह आर्थिक विभाग सरकार को देता है इसके साथ ही दूसरे देशों के साथ व्यापार,  दूसरे देशों के साथ आर्थिक समझौतों निवेश आर्थिक रणनीतियां, देश के बड़े-बड़े सरकारी बैंकों से संबंधित कार्य आर्थिक विभाग करता है कुल मिलाकर हम यह कहे तो  देश के अंदर जितने भी आर्थिक कार्य है आर्थिक विभाग की निगरानी में ही किया जाता है

व्यय

केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच में जितने भी आर्थिक खर्चों से संबंधित कार्यों की निगरानी रखने वाला विभाग व्यय विभाग होता है

राजस्व विभाग

राजस्व विभाग के अंतर्गत  वह कार्य आते हैं  जितने भी जमीनों के मालिक हैं जिनके पास अधिक से अधिक जमीन है उन सभी से राजस्व कर लेने का कार्य राजस्व विभाग देखता है

वित्तीय सेवाएँ विभाग

वित्तीय सेवाएं विभाग के अंतर्गत बैंकिंग, बीमा, पेंशन सुधार, जैसे कार्यों को देखा जाता है

विनिवेश विभाग

देश के आजाद होने के बाद सबसे पहले 1999 में देश का पहला स्वतंत्र विनिवेश विभाग स्थापित किया गया था मई 2004 में विनिवेश विभाग देश की नजरों में आया जब वित्त मंत्रालय एक विभाग के रूप में बदला मंत्रालय के जितने भी पुराने कार्य थे उन सभी कार्यों को नए विभाग के अंदर सम्मिलित किया गया और उन पर कार्य किया गया यह विभाग  सार्वजनिक क्षेत्र के  सभी कार्यों के लिए विनिवेश और निजीकरण नीतियों से संबंधित विनिवेश विभाग ही जिम्मेदार रहा

वित्त विभाग आदेश क्या है

वित्त विभाग आदेश का तात्पर्य यह है कि यह आदेश देश के वित्त मंत्री द्वारा निकाला जाता है तथा इन आदेशों का पालन राज्य वित्त मंत्री  को भी करना पड़ता है वित्त विभाग आदेश में वित्त मंत्री यह दिशा निर्देश देता है कि कौन से विभाग में कितना वित्त देना है और कौन से विभाग को ज्यादा पैसा देना है और कौन से विभाग को कम देना है और कौन से विभाग को बजट कितना देना है यह सभी दिशा निर्देश और कार्य वित्त मंत्री अपने आदेश में देता है

प्रत्येक वर्ष  भारत सरकार वित्त विभाग आदेश जारी करती रहती है क्योंकि यह देश की प्रगति के लिए बहुत ही आवश्यक है क्योंकि जैसे जैसे देश आगे बढ़ रहा है उसी के साथ ही देश की मांग भी बढ़ रही है और सरकार को यह सुनिश्चित करना होता है कि कौन से आर्थिक क्षेत्र में सरकार को ज्यादा ध्यान देना है इसलिए सरकार प्रत्येक वर्ष आदेश जारी करती रहती है इसका मुख्य उद्देश्य देश का आर्थिक विकास करना है 

समय के साथ साथ देश  कि हर क्षेत्र में डिमांड बढ़ती रहती है जिस वजह से सरकार को यह ध्यान देना होता है कि कौन से क्षेत्र का कितना विकास करना है और कौन से क्षेत्र का विकास करना जरूरी नहीं है इन सभी को ध्यान में रखकर सरकार प्रत्येक वर्ष वित्त विभाग आदेश निकालती है जिसका मुख्य उद्देश्य यही है कि देश का चौमुखी विकास हो सके

वित्त विभाग की अधिसूचना क्या है

वित्त विभाग की अधिसूचना के अंतर्गत वित्त विभाग के जितने भी वित्तीय अधिकारी हैं वह देश के वित्त मंत्री को देश के और राज्य की आर्थिक हालातों की जानकारी देते हैं जिससे कि देश के वित्त मंत्री को यह पता लग जाए कि देश की आर्थिक स्थिति क्या है और किस दिशा में कार्य करना है फिर सूचना के आधार पर देश के लिए बजट बनाया जाता है और उस बजट के हिसाब से कार्य किया जाता है 

वित्त विभाग के अधिकारियों की देश की आर्थिक स्थिति से संबंधित रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को भेजी जाती है और वित्त मंत्रालय फिर इस रिपोर्ट को देश के वित्त मंत्री के पास भेज देता है इसके बाद देश की आर्थिक हालातों का जायजा लिया जाता है और जो आर्थिक क्षेत्र कमजोर होता है उस पर वित्त मंत्री योजना बनाने को अधिकारियों से कहता है देश के वित्त विभाग की रिपोर्ट पर हमेशा वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री की नजर रहती है जिससे कि देश की हालत बदतर ना हो और  देश के हालातों को हमेशा बेहतर बनाने के लिए वित्त विभाग कार्य करता रहता है

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एक वित्त अधिकारी क्या करता है?

जैसा कि आपको नाम से ही मालूम हो रहा है कि वित्त अधिकारी का संबंध वित्त विभाग से है एक वित्त अधिकारी का कार्य किसी भी संगठन या कंपनी पर नजर रखकर उसके वित्तीय कार्यों पर निगरानी रखता है तथा विद्या अधिकारी उसके वित्त प्रबंधन(मैनेजमेंट) में मदद करता है

फाइनेंस डिपार्टमेंट (वित्त विभाग)  का महत्व

जैसा की आप सभी को पता ही है कि वित्त विभाग वित्तीय लेनदेन से संबंधित कार्यों को देखता है यह देश की आर्थिक गति के लिए बहुत ही उपयोगी है क्योंकि एक मात्र यही विभाग है जिसके  अंतर्गत देश का बजट बनाया जाता है यह विभाग अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण है और इस विभाग के अनेकों कार्य हैं जिसमें से वित्तीय कानूनों,  वित्तीय संस्थाओं,  बजट लोन से संबंधित कार्य, पूंजी बाजार केंद्रीय और राज्य बजट वित्त का संचालन वित्त का बंटवारा  आदि से  संबंधित कार्य फाइनेंस डिपार्टमेंट विद विभागीय देखता है इसलिए इसका महत्व बहुत अधिक हो जाता है

भारत के वित्त मंत्री कौन है?

अभी वर्तमान में भारत के वित्त मंत्री एनडीए सरकार की निर्मला सीतारमण है जो कि भारत की वर्तमान 2023 में भारत की वित्त मंत्री है

वित्त विभाग की ऑफिशल वेबसाइट

https://finmin.nic.in/

वित्त विभाग का अवलोकन (Overview)

स्थापना अक्टूबर 29, 1946; 76 वर्ष पहले
अधिकार क्षेत्र भारत के प्रधानमंत्री
मुख्यालय सचिवालय भवन

 

रायसीना की पहाड़ी, नई दिल्ली

उत्तरदायी मंत्री निर्मला सीतारमण
संस्था कार्यपालकगण हस्मुख अधिया , आईएएस, भारत के वित्त सचिव और सचिव (राजस्व)

 

अजय नारायण झा, आईएएस, सचिव (व्यय)

सुभाष चंद्र गर्ग, आईएएस, सचिव (आर्थिक मामले)

राजीव कुमार, आईएएस, सचिव (वित्तीय सेवाएं)

अधीनस्थ संस्थान आर्थिक मामलों का विभाग

 

व्यय विभाग

राजस्व विभाग

वित्तीय सेवाओं विभाग

निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग

आज आपने क्या सीखा

आज आपको पता चल ही गया होगा कि फाइनेंस डिपार्टमेंट अर्थात वित्त विभाग क्या होता है इसके क्या कार्य होते हैं इसके महत्व क्या होते हैं इसके उद्देश्य क्या होते हैं इन सभी सवालों के जवाब हमने अपने ब्लॉग Finance Department Kya Hai in Hindi मैं देने की पूरी पूरी कोशिश की है आशा है कि आपको अब समझ आ गया होगा कि फाइनेंस डिपार्टमेंट क्या होता है अगर  आपको हमारा ब्लॉग अच्छा लगा तो आप अपने   परिवार रिश्तेदार और साथियों में हमारे ब्लॉक को शेयर कर सकते हैं और इसके साथ ही आप हमारे गूगल न्यूज़ चैनल को फॉलो कर सकते हैं और हमारे सोशल मीडिया से जुड़ सकते हैं जिससे कि आपको समय-समय पर अमूल्य जानकारियां मिलती रहे धन्यवाद

FAQs?

वित्त मंत्रालय क्या करता है?

वित्त मंत्रालय राज्यों के बजट का विश्लेषण करता है और इसके साथ ही राज्यों के बाजार उदार और गारंटी से संबंधित कार्य करना आरबीआई समितियों और विदेश सचिवों की बैठक के लिए कार्य करना वार्षिक योजनाओं के लिए सरकार से ऋण लेने के लिए चामती जारी करना आदि वित्त मंत्रालय कार्य करता है

वित्त विभाग में कितने विभाग होते हैं?

वित्त विभाग  में कुल 5 विभाग होते हैं जिनमें से आर्थिक कार्य विभाग, व्यय, राजस्व, वित्तीय सेवाएं एवं विनिवेश जैसे  विभाग शामिल है

एक वित्त अधिकारी क्या करता है?

एक वित्त अधिकारी का कार्य किसी भी संस्था में वित से संबंधित कार्यों पर निगरानी रखता है तथा उनके लिए योजना बनाकर वित्तीय प्रबंधन करता है

वित्त मंत्रालय की स्थापना कब हुई

वित्त मंत्रालय की स्थापना 29 अक्टूबर 1946 को हुई थी

वित्त मंत्रालय में कितने सदस्य होते हैं

वित्त मंत्रालय में एक अध्यक्ष और अन्य चार सदस्य मिलकर वित्त मंत्रालय का गठन करते हैं और  इसके साथ ही वित्त मंत्रालय का मुख्य अधिकारी राष्ट्रपति होता है