Finance Company Kya Hoti Hai – बिल्कुल सही जानकारी

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आज हम आपको फाइनेंस कंपनी के बारे में एकदम सही और सटीक जानकारी देंगे  आपके मन में जितने भी सवाल है फाइनेंस कंपनी के बारे में उन सभी का जवाब दिया जाएगा जैसे कि फाइनेंस कंपनी क्या होती है फाइनेंस कंपनी के कितने प्रकार होते हैं फाइनेंस कंपनी क्या काम करती है अपनी खुद की फाइनेंस कंपनी कैसे खोलें और फाइनेंस कंपनी के क्या लक्ष्य होते हैं इन सभी सवालों के हम जवाब आपको इस ब्लॉग में देंगे और हम यह विश्वास से कह सकते हैं कि इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद आप किसी को भी फाइनेंस कंपनी के बारे में  सही और सटीक जानकारी दे पाएंगे

Table of Contents

Finance Company Kya Hoti Hai

अब हम फाइनेंस कंपनी के बारे में बात करते हैं कि फाइनेंस कंपनियां क्या होती है फाइनेंस कंपनी एक  तरीके से ऋण या लोन देने का काम करती है इनका काम बैंकों से थोड़ा अलग होता है लेकिन यह बैंक की तरह ही काम करती है  इसमें ना तो आप नकद राशि जमा करा सकते हैं नाही बैंकों जैसे कोई सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं फाइनेंस कंपनी एक निश्चित ब्याज पर लोन देने का काम करती है और फाइनेंस कंपनियों का कमाई का जरिया जो दिए गए लोन के ऊपर ब्याज लगता है उनसे यह फाइनेंस कंपनियां कमाई करती हैं जैसे कि अगर कोई लोन सही वक्त पर नहीं देता तो उसके ऊपर एक दंड लगाया जाता है या प्लेंटी लगाई जाती है जिससे फाइनेंस कंपनियों का इनकम का एक बहुत बड़ा स्रोत होता है

इन कंपनियों से अक्सर वह लोग लोन लेते हैं जिनके पास आमदनी का कोई स्रोत नहीं होता  या फिर किसी कारण वंश बैंक उन्हें लोन नहीं देते इससे वह विवश होकर इन फाइनेंस कंपनियों से लोन लेते हैं वह भी अधिक ब्याज पर और इन कंपनियों की कमाई अर्थात फाइनेंस कंपनियों की कमाई बैंकों से ज्यादा होती है और वह लोगों से अधिक दर में ब्याज देते हैं भारत में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें कारण वंश अपने जरूरत के लिए लोन नहीं मिल पाता तो वह इन फाइनेंस कंपनियों के जरिए अपना लोन लेते हैं और अपना कार्य करते हैं

लोन नहीं मिलने की समस्या को ध्यान में रखते हुए इन कंपनियों का आज के युग में धीरे-धीरे निर्माण हुआ जो लोगों को लोन देते हैं

Finance Company Ke Prakar (फाइनेंस कंपनी के अलग-अलग प्रकार)

  • नान फाइनेंस कंपनी
  • ट्रस्ट एवं सोसायटी
  • निधि कंपनीज
  • माइक्रोफाइनेंस कंपनीज
  • प्रोड्यूसर कंपनी
  • लोकल फाइनेंस कंपनीज

Non Banking Finance Company Ka Registration Kaise Kare

नॉन  फाइनेंस कंपनी आपको इस नाम से ही पता चल रहा होगा यह के यह बैंकों से कुछ अलग कंपनियां होती है लेकिन यह बैंकों की तरह ही लोन देने का कार्य करती है इस तरह की जितनी भी कंपनियां होती है इनका रजिस्ट्रेशन रिजर्व बैंक करता है और इनकी निगरानी भी रिजर्व बैंक ही करता है नॉन फाइनेंस कंपनी की शुरुआत करने के लिए आपके पास कम से कम 2 करोड रुपए होना आवश्यक है इसके साथ ही हम आपको यह बता दें कि यदि कंपनी माइक्रोफाइनेंस है तो उसके लिए आपके पास 5  करोड होने चाहिए यह तो कंपनी स्टार्ट करने के लिए शुरुआती मानदंड से और कंपनी लगभग 5 से 6 महीने के अंदर स्टार्ट हो जाती है

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नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी के रजिस्ट्रेशन के फायदे

  • बैंकों के बाद फाइनेंस का सबसे अच्छा विकल्प यही होता है
  • यह भारत की सबसे बड़ी बैंक रिजर्व बैंक से मान्यता प्राप्त होते हैं
  • रिजर्व बैंक से लाइसेंस मिलने के बाद कंपनियां भारत में कहीं पर भी कार्य कर सकती है
  • नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी विदेशों के निवेश को भी स्वीकार कर सकती है

ट्रस्ट और सोसाइटी के जरिए रजिस्ट्रेशन

छोटे स्तर पर ट्रस्ट और सोसाइटी कंपनियां काफी प्रसिद्ध होती है अगर आपको छोटे स्तर या  जिला स्तर पर आपको फाइनेंस कंपनी की शुरुआत करनी है तो इसका सबसे अच्छा उदाहरण ट्रस्ट एंड सोसाइटी कंपनियां हो सकती है लेकिन इसमें भी एक समस्या उत्पन्न हो सकती है क्योंकि ट्रस्ट और सोसाइटी कंपनियों में धोखाधड़ी बहुत अत्यधिक होती है इस वजह से इन्हें लाइसेंस मिलने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है लेकिन फिर भी अगर सच्चे मन से प्रयास किया जाए तो इनका लाइसेंस मिल जाता है

ट्रस्ट एंड सोसाइटी कंपनी के फायदे या लाभ

  • ट्रस्ट एंड सोसाइटी कंपनी को रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कम पैसों की जरूरत होती है
  • कंपनी शुरू करने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होती
  • इसमें जमा की गई राशि को स्वीकार किया जा सकता है

निधि कंपनी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस

फाइनेंस कंपनियों में अगर हम निधि कंपनी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस की बात करें तो यह अन्य कंपनियों के मुकाबले इसका रजिस्ट्रेशन आसानी से हो जाता है अगर हम भारत की बात करें तो भारत में इस कंपनी को खोलने के लिए 5 से 6 लाख रुपए  की जरूरत होती है इसके साथ ही आप जिस दिन रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करते हैं उसके बाद 15 से 20 दिन इससे अधिक 1 महीने के अंदर अंदर आप को निधि कंपनी का रजिस्ट्रेशन मिल जाता है

निधि कंपनी से लोन लेने के फायदे

  1. निधि कंपनी से लोन लेकर आप अपना बिजनेस स्टार्ट कर सकते हैं इसके साथ ही आप व्यक्तिगत ऋण भी ले सकते हैं वह भी कम ब्याज दरों पर
  2. निधि कंपनी को सबसे आसान कंपनियों में से माना जाता है क्योंकि इसको शुरू करने के लिए कम से कम 5 से 6 लाख रुपए  की आवश्यकता होती है और यह 15 से 20 दिन के अंदर शुरू हो जाती है
  3. निधि कंपनी में कम से कम स्टाफ की जरूरत होती है इसमें 5 से 7 एंपलॉय की जरूरत पड़ती है
  4. निधि कंपनी को शुरू करने के लिए कम से कम डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती जिसमें पैन कार्ड आधार कार्ड होने चाहिए

इसके साथ ही निधि कंपनी को शुरू करने के लिए आपके पास बिजली का बिल या किसी परमानेंट पते का होना आवश्यक है और इसमें अरगुमेंट की भी आवश्यकता होती है

माइक्रो फाइनेंस कंपनी क्या होती है और इनके क्या फायदे हैं

माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के अंदर वह छोटी-छोटी कंपनियां होती है जो गांव के अंदर लोन देने की सुविधा प्रदान करती है इसके साथ ही इन कंपनियों में कम ब्याज दरों पर जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं उनके रोजगार शुरू करने के लिए इन कंपनियों में लोन देने की सुविधाएं होती है 

अगर इन कंपनियों का कार्य देखा जाए तो इन कंपनियों में लोन देने की जो रकम होती है वह भले कम होती है लेकिन वह रोजगार उत्पन्न करने की दृष्टि से बहुत ही अच्छी होती है जैसा कि आपको पता ही है गांव में बड़े-बड़े बैंक नहीं होते लेकिन यह छोटी कंपनियां होती है इस कंपनियों से सामान्य नागरिक भी छोटे छोटे स्तर पर लोन लेकर अपने कार्य शुरू करता है जैसे कि पोल्ट्री फार्म कृषि फार्म राशन की दुकान टायर पंचर की दुकान पशुपालन और भी अन्य कार्य कर सकता है जिससे वह अपने रोजगार को बढ़ा सकता है और अपनी आमदनी को बढ़ा सकता है आशा  है कि आपको पता चल गया होगा कि माइक्रो फाइनेंस कंपनी क्या होती है

माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के लाभ  या फायदे

  1. सामान्य नागरिक भी लोन लेकर अपना धंधा शुरू कर सकता है
  2.  माइक्रो फाइनेंस कंपनी में ब्याज की दरें कम होती हैं
  3.  माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लोन आसानी से मिल जाता है
  4.  यह गांव में रोजगार विकसित करने का कार्य करती हैं
  5. माइक्रो फाइनेंस कंपनी से कम से कम डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है जिसे आसानी से लोन मिल जाता है और बहुत तेजी से मिलता है
  6. इन कंपनियों का ज्यादातर गांव में होने की वजह से गांव की जनता को शहरों की तरफ जाना नहीं पड़ता

प्रोडक्शन कंपनी क्या है अथवा निर्माता कंपनी रजिस्ट्रेशन क्या है

प्रोडक्शन कंपनियों को भारत के कंपनी अधिनियम 2013 के अंदर इसको पेश किया गया था प्रोडक्शन कंपनियों के अंदर लोगों के वह कार्य आते हैं जिसमें उगाया जाता है या उत्पन्न किया जाता है यानी कि कृषि से जुड़ी गतिविधियां शामिल होती है प्रोडक्शन कंपनी की शुरुआत 10 से अधिक लोगों द्वारा किया जाता है इसमें 10 या 10 से अधिक लोग शामिल होते हैं यानेकी एंप्लोई शामिल होते हैं  प्रोडक्शन कंपनियों में इकट्ठे पूंजी होती है प्रोडक्शन कंपनी की शुरुआत करने के लिए 5 लाख रुपए  की आवश्यकता होती है इससे अधिक भी हो सकती है एक प्राइवेट कंपनी बनाने और प्रोडक्शन कंपनी बनाने के समान होती है

प्रोडक्शन कंपनी अथवा  निर्माता कंपनी के फायदे

  1. प्रोडक्शन कंपनी में सीमित दायित्व होता अगर किसी कारण वंश ऋण नहीं चुका है  तो व्यवसाय में निवेश  की गई  राशि  खो जाती है और अन्य व्यक्तियों की संपत्ति सुरक्षित  रहती है
  2. प्रोडक्शन कंपनियां भारत के किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद है 
  3. प्रोडक्शन कंपनियों में बेहतर प्रबंधन या व्यवस्था होती है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाया जा सकता है

लोकल फाइनेंस कंपनी क्या होती है और इनके लाभ

लोकल फाइनेंस कंपनियां छोटे छोटे रूप में होती है यह देश के उन क्षेत्रों में ज्यादातर होती है जहां पर  लोन देने की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है जहां पर आसानी से लोन नहीं मिलता है वहां पर यह कंपनियां होती है बैंकों के मुकाबले यह राशि को जमा नहीं करती है इसमें  धन जमा करने की  सुविधा भी नहीं होती है और इन लोकल फाइनेंस कंपनियों में सिर्फ लोन देने का कार्य किया जाता है वह भी उचित दरों पर इन कंपनियों के रूल्स एंड रेगुलेशन थोड़े थोड़े अलग हो सकते हैं लेकिन ज्यादातर सम्मान ही  इन के रूल्स एंड रेगुलेशन रहते हैं

लोकल फाइनेंस कंपनी से लोन लेने के फायदे

  1. ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से लोन लिया जा सकता है
  2. कम से कम डॉक्यूमेंट  प्रूफ से लोन लिया जा सकता है
  3. आसान किस्तों में लोन कुछ कहा जा सकता है
  4. लोकल फाइनेंस कंपनी से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उत्पन्न होते हैं
  5.  ग्रामीण लोगों के विकास में अत्यधिक भागीदारी

Finance Company Me Kya Kaam Hota Hai (फाइनेंस कंपनी में क्या काम होता है)

आमतौर पर फाइनेंस कंपनी का सबसे पहला काम फंड की व्यवस्था करना सही जगह पर निवेश करना कम दरों पर ब्याज प्राप्त करना बैंकिंग से संबंधित कार्य करना आदि फाइनेंस कंपनियों के काम होते हैं फाइनेंस कंपनियों में मुख्यतः यही काम होता है कि सही जगह पर इन्वेस्ट करना उससे लाभ अर्जित करना फाइनेंस करके कंपनी को लाभ पहुंचाना फाइनेंस से संबंधित कार्यों को देखना अगर किसी ने लोन नहीं चुकाया  है तो उस लोन को प्राप्त करना यह सभी कार्य फाइनेंस के अंतर्गत आते हैं सामान्यतः सभी कंपनियों के कार्य एक समान होते हैं लेकिन उनका कार्य करने का तरीका थोड़ा अलग हो सकता है मुख्य लक्ष्य फाइनेंस कंपनियों का कंपनी को लाभ पहुंचाना होता है

फाइनेंस कंपनियों के फायदे

  1. फाइनेंस कंपनियों का सबसे अच्छा फायदा यही है कि आप इन में कम से कम इन्वेस्ट करके ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकते हैं
  2. फाइनेंस कंपनियों में आप कई तरीके से इन्वेस्ट कर सकते हैं जैसे कि पर्सनल फाइनेंस कॉरपोरेट फाइनेंस पब्लिक फाइनेंस आदि

Finance Company Kaise Khole (फाइनेंस कंपनी कैसे खोले या कैसे शुरुआत करें )

फाइनेंस सबसे आपको पता चल ही गया होगा फाइनेंस का मतलब धन से इसलिए इस काम को शुरू करने के लिए सरकार से नियमों के अनुसार लाइसेंस प्राप्त करना होता है लाइसेंस को चार भागों में बांटा गया है फाइनेंस कंपनी खोलने से पहले आपको यह ध्यान जरूरी होना चाहिए कि लाइसेंस कैसे प्राप्त करें तबीयत जल्द से जल्द फाइनेंस कंपनी का लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं

जितनी भी निधि  कंपनियां होती है वह फाइनेंस कंपनियां होती है इसके लिए 2014 के अधिनियम के अंदर एक कानून को बनाया गया था फाइनेंस कंपनी खोलने के लिए कोई अलग से रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना होता है निधि कंपनियों का रजिस्ट्रेशन ही इन कंपनियों को खोलने के लिए आवश्यक होता है

फाइनेंस कंपनी खोलने के चरण या  स्टेप्स

  1. फाइनेंस कंपनी खोलने के लिए सबसे पहले फाइनेंस कंपनी खोलने वाले को जरूरी दस्तावेज को तैयार करना होगा इसके साथ ही 7 व्यक्तियों के डिजिटल सिग्नेचर लेने के लिए अप्लाई करना होगा
  2. दूसरे चरण में फाइनेंस कंपनी खोलने के लिए 7 व्यक्तियों में से तीन व्यक्तियों को डायरेक्टर बनाना होगा इसके साथ ही डायरेक्टर के पास डायरेक्टर आईडेंटिफिकेशन नंबर होना अनिवार्य होगा क्योंकि कानून के मुताबिक यह नंबर होना आवश्यक है
  3. अगले चरण में कंपनी खोलने वाले व्यक्ति को कंपनी का एक नाम रजिस्टर करवाना होगा जिससे कि लोग उस पर विश्वास कर सके और आसानी से लोग उस तक पहुंच सके 
  4. निधि कंपनी को अपने सारे दस्तावेज को अच्छी तरीके से तैयार करके निगमन पता इन कोऑपरेशन के लिए एनसीसी ऑफिस जाना होगा 
  5. इसके बाद फाइनेंस कंपनी खोलने वाला व्यक्ति अपनी कंपनी शुरू कर सकता है वह लोगों को उचित दरों पर लोन दे सकता है और अपना फायदा कर सकता है तथा इसके साथ ही लोगों का भी फायदा कर सकता है

Aaj Aapne Kya Sikha (फाइनेंस कंपनी क्या होती है इससे आपने आज क्या सीखा)

प्यारे दोस्तों और साथियों उम्मीद है कि यह ब्लॉग आपको बहुत ही पसंद आया होगा और इसके साथ यह भी आशा है कि आप के सारे प्रश्नों का उत्तर हमने आसान भाषा में दिया होगा जिसमें हमने आपको यह बताएं कि फाइनेंस कंपनियां क्या होती है इसके प्रकार क्या होते हैं इसका  रजिस्ट्रेशन कैसे किया जाता है इस से लोन कैसे लिया जा सकता है इन सभी सवालों का जवाब हमने आपको दिया होगा और आशा है कि हमने आपके सभी सवालों का जवाब आप ही की भाषा में आसान शब्दों में हमने सभी सवालों का उत्तर दिया होगा और आपने इन सवालों का जवाब आसानी से समझ लिया होगा अगर आपको फाइनेंस कंपनी के बारे में यह ब्लॉग अच्छा लगा तो आप भी अपने दोस्तों साथियों घरवालों और बड़ों को यह ब्लॉग  ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और हमारे साथ बने रहें आशा है कि हम भी आपको इसी तरीके से अच्छे से अच्छे ब्लॉग  देते रहेंगे

धन्यवाद

FAQ’s

फाइनेंस कंपनी में क्या काम होता है?

फाइनेंस कंपनी का मुख्य कार्य होता है कि उचित दरों पर लोन देना सही जगह पर निवेश करना बैंकिंग की कार्य करना इत्यादि

फाइनेंस का हिंदी मतलब क्या होता है?

हिंदी में फाइनेंस का मतलब वित्त होता है जिसका यह कार्य होता है हर तरीके से पैसों का  मैनेजमेंट करना अगर आप भारत के नागरिक हैं यह तो आपको पता ही होगा जो भारत के वित्त मंत्री है उनका कार्य है कि देश के अंदर पैसों की निगरानी करना पैसों के लेनदेन का ध्यान रखना है

क्या एक फाइनेंसिंग कंपनी एक बैंक है?

फाइनेंस कंपनियां बैंक नहीं होती है क्योंकि जिस तरीके से बैंक आम जनता के धन की सुरक्षा करता है जमा करता है और उस पर ब्याज देता है उस तरह से फाइनेंस कंपनियां यह कार्य नहीं करती है इसके उल्टा फाइनेंस कंपनियां सिर्फ और सिर्फ लोगों को लोन देती है और उससे अपना फायदा करती है इसके साथ ही फाइनेंस कंपनियां बैंकों की तरह सख्त नियम नहीं होते हैं

फाइनेंस कंपनियों को पैसा कहां से मिलता है?

फाइनेंस कंपनियां कम ब्याज दरों पर फेडरल रिजर्व सिस्टम व वाणिज्य बैंकों से लोन लेती है इसके बाद फाइनेंस कंपनियां आवश्यक वह जरूरतमंद लोगों को यह धन ब्याज पर देती है यह ब्याज की दरें बैंकों से लिए जाने वाले लोन से अधिक होते हैं जिससे इन कंपनियों का फायदा होता है

फाइनेंस में करियर क्यों बनाएं?

आज के युग में आपको पता ही है कि धन की आवश्यकता कितनी जरूरी है जिसके नतीजे फाइनेंस क्षेत्र में नौकरियों की भरमार है और अच्छी आमदनी भी है अगर आप फाइनेंस के क्षेत्र में जाते हैं तो आप कम से कम समय में अपना करियर बना सकते हैं क्योंकि आज के युग में हर व्यक्ति को अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए लोन की आवश्यकता होती है और वह लोन इन फाइनेंस कंपनी के द्वारा ही दिया जाता है  कुल मिलाकर कहें तो फाइनेंस में आप अपना करियर बहुत ही अच्छा और सुरक्षित बना सकते हैं