Financial Management Kya Hota Hai | पुरी व सही जानकारी

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आप सभी ने जाने-अनजाने में यह शब्द जरूर सुना होगा फाइनेंशियल मैनेजमेंट या हिंदी में कहें तो वित्त प्रबंधन किसी भी प्राइवेट और निजी संस्था के लिए फाइनेंसियल मैनेजमेंट या वित्त प्रबंधन बहुत ही आवश्यक है उसके उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए  औद्योगिक क्रांति के बाद  बड़ी-बड़ी प्राइवेट कंपनियों का उदय हुआ और विदेशों में व्यापार बढ़ने लगा जिसकी वजह से कंपनियां प्रत्येक वर्ष के लिए  अपने फायदे के लिए ज्यादा पैसा कमाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं बनाने लगी जिससे फाइनेंशियल मैनेजमेंट या वित्त प्रबंधन का उदय हुआ आगे हम जानेंगे के फाइनेंशियल मैनेजमेंट क्या होता है व इसकी पूरी वह सही जानकारी हम इस ब्लॉग में आपको देंगे

Table of Contents

Financial Management Kya Hota Hai

अगर हम बोलचाल के शब्दों में बात करें तो फाइनेंसियल मैनेजमेंट एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें किसी भी प्राइवेट या सरकारी कंपनी में एकाउंटिंग, सेल्स, कंपनी की ग्रोथ को लेकर जो मैनेजमेंट या व्यवस्था होती है उसे स्किल्ड फाइनेंशियल मैनेजर  द्वारा देखा जाता है और उन्हीं के द्वारा फाइनेंशियल मैनेजमेंट के कार्य किए जाते हैं जिससे कि कंपनी को और ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट में जा सके यह जितने भी कार्य होते हैं इन सभी को ही फाइनेंशियल मैनेजमेंट कहते हैं जिसमें  वित्त या धन का मैनेजमेंट करने के लिए फाइनेंशियल मैनेजमेंट किया जाता है

Financial Management Kyon Jaruri Hai – फाइनेंसियल मैनेजमेंट क्यों जरूरी है

किसी भी कंपनी और संस्था को चलाने के लिए फाइनेंसियल मैनेजमेंट बहुत ही ज्यादा आवश्यक है जब   कोरोना आया था तब सभी कंपनियां लगभग बंद होने की कगार पर पहुंच गई थी और कई कंपनियां फिर से उठ खड़ी हुई थी जिसमें उनका फाइनेंशियल मैनेजमेंट बहुत ही अच्छा था जिस वजह से जो कंपनियां बंद हुई वह वापिस शुरू हो गई थी 

 जितने भी सरकारी व गैर सरकारी कंपनियां है उन सभी को प्रॉफिट कमाने के लिए फाइनेंशियल मैनेजमेंट बहुत ही आवश्यक है कंपनी के ग्रोथ के लिए  अथवा कंपनी को आर्थिक दृष्टि से मजबूत व संपन्न बनाने के लिए और योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के लिए फाइनेंसियल मैनेजमेंट आवश्यक है

 फाइनेंसियल मैनेजमेंट बिजनेस बढ़ाने के लिए बिजनेस में प्रॉफिट कमाने के लिए बिजनेस को अंतर्राष्ट्रीय बनाने के लिए फाइनेंसियल मैनेजमेंट बहुत ही जरूरी है एक कंपनी ही नहीं एक व्यक्ति के लिए भी फाइनेंसियल मैनेजमेंट बहुत जरूरी है क्योंकि जो योजना बनाकर चलता है वही कामयाब होता है

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Financial Management Ke Prakar – फाइनेंसियल मैनेजमेंट के प्रकार

फाइनेंशियल मैनेजमेंट चार प्रकार के होते हैं यहां मैं आपको चारों प्रकारों को पूरी तरीके से बताएंगे

  • पूंजीगत बजट
  • पूंजी संरचना
  • लाभांश निर्णय
  • कार्यशील पूंजी प्रबंधन निर्णय
  1. पूंजीगत बजट – Capital Budget

पूंजीगत बजट का मतलब प्रत्येक कंपनी अपना एक पूंजीगत बजट रखती है इसका मतलब यह है कि ऐसा बजट जिसमें  पैसों का इन्वेस्ट या निवेश कंपनी अपने फायदे के लिए करती है पूंजीगत बजट का  इन्वेस्ट लंबे समय के लिए किया जाता है जिसमें कंपनी पूंजीगत बजट का मैनेजमेंट करती है और सही जगह पर इन्वेस्ट करती है कुल मिलाकर यह कह  तो एक ऐसा बजट जिसमें कंपनी अपने पैसे का सही तरीके से मैनेजमेंट करती है व इन्वेस्ट करती है और अपने आपको प्रॉफिट में लाती है जिसमें पूंजीगत बजट का उपयोग लिया जाता है यही पूंजीगत बजट होता है

  1. पूंजी संरचना – Capital Structure

सी बी कंपनी को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक पूंजी संरचना की जरूरत होती है जो कि यह दिखती है कि लंबे समय के लिए कंपनी के लिए धन की व्यवस्था करना प्रॉफिट वाले शेयर में इन्वेस्ट करना और जरूरत पड़ने पर बैंक से ऋण लेना आदि  पूंजी संरचना में शामिल है 

इसके साथ ही पूंजी सरंचना कंपनी द्वारा लिए गए उधार पैसे को वापस लौट आने पर भी ध्यान देती है और इसके लिए योजना भी बनाती है 

धन को जुटाने के लिए और धन को वापस लौटाने के लिए पूंजी सरंचना की लागत इसमें अलग-अलग होती है 

  1. लाभांश निर्णय – Dividend Decision

लाभांश निर्णय में कंपनी देखती है कि कंपनी को जो प्रॉफिट हुआ है उस प्रॉफिट को कंपनी किस तरह  से कंपनी इस लाभ को आपस में बांटती है और  योगदान को किस तरीके से समझती है और उस योगदान को कितना सम्मान देती है 

उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि कंपनी के शेयर में अत्यधिक वृद्धि हो गई है जिस वजह से जितने भी शेयर धारक हैं उन सभी को कंपनी की ग्रोथ का प्रॉफिट हुआ है तो इसका अर्थ यह हुआ कि कंपनी किस तरीके से अपने लाभ को अन्य जो लोग हैं कंपनी में इन्वेस्ट किए हुए उनको किस तरीके से इसका फायदा पहुंचाती है

लाभांश का सही तरीके से बटवारा कंपनी के विकास में योगदान देता है खासकर जिस समय जब अर्थव्यवस्था में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव देखा जाए यही लाभांश निर्णय होते हैं

  1. कार्यशील पूंजी प्रबंधन निर्णय

यहां कार्यशील पूंजी प्रबंधन का अर्थ यह है कि जो कंपनी के विकास में कंपनी के कार्यों में कंपनी की उत्पादन में कंपनी के जितने भी खर्चे हैं उन सभी में जितने भी कार्यशील पूंजी के कार्य है  उन सभी पुँजियो  का प्रबंधन करना ही कार्यशील पूंजी प्रबंधन निर्णय होते हैं इसमें यह योजनाएं बनाई जाती है जिससे कितना कंपनी को लोन चुकाना है और कितना अपने कार्य के लिए बचा कर रखना है और कितना इन्वेस्ट करना है यह सभी कार्य कार्यशील पूंजी प्रबंधन के अंदर आते हैं कार्यशील पूंजी प्रबंधन का यही अर्थ है

Financial Management Ke Liye Yogyata Hai  – फाइनेंसियल मैनेजमेंट के लिए क्या योग्यता  है

डिग्री के लेवल के आधार पर फाइनेंसियल मैनेजमेंट के लिए जरूरी योग्यता को हम नीचे बता रहे हैं कृपया इन्हें ध्यान से देखें

डिप्लोमा एंड बैचलर्स डिग्री के लिए योग्यता

  • फाइनेंसियल मैनेजमेंट में डिग्री प्रोग्राम के लिए इच्छुक कैंडिडेट को 10 + 2 में अच्छे नंबरों से पास होना बहुत ही जरूरी है 
  • भारत में फाइनेंसियल मैनेजमेंट के लिए कुछ कॉलेजेस और यूनिवर्सिटी एडमिशन के लिए एक एंट्रेंस एग्जाम लेती है जिसके आधार पर एडमिशन लिया जाता है
  • इसके साथ ही कैंडिडेट को SAT या ACT और IELTS या TOEFL जैसे इसको की भी जरूरत होती है
  • इच्छुक कैंडिडेट को एब्रॉड यूनिवर्सिटीज में दाखिला देने के लिए SOP, LOR, CV/Resume और Portfolio जैसे डाक्यूमेंट्स भी जमा कराने होंगे

पीजी डिप्लोमा एंड पोस्टग्रेडुएशन डिग्री

  • फाइनेंसियल मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री करने कैंडिडेट को यूजी में निर्धारित व न्यूनतम नंबरों से पास करना बहुत ही जरूरी है 
  • फाइनेंसियल मैनेजमेंट करने के लिए कुछ मास्टर प्रोग्राम्स में एंट्रेंस एग्जाम भी देने होते हैं जैसे कि  CAT, MAT, XAT आदि एंट्रेंस एग्जाम देने होते हैं उसके बाद ही कैंडिडेट कोर्स करने के लिए इलेजिबल हो सकता है
  • अब्रॉड में फाइनेंशियल मैनेजमेंट से जुड़े कोर्स करने के लिए जो पर दी गई जानकारी है उसके साथी कैंडिडेट को IELTS या TOEFL जैसे एग्जाम के स्कोर्स भी मायने रखते हैं
  • कुछ यूनिवर्सिटीज में  GMAT या GRE स्कोर की भी मांग कर सकती हैं
  • SOP, LOR, CV/Resume और Portfolio जैसे डाक्यूमेंट्स भी जमा कराने होंगे

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Financial Management Ki Taiyari Kaise Kare – फाइनेंसियल मैनेजमेंट की तैयारी कैसे करें

फाइनेंसियल मैनेजमेंट की तैयारी करते वक्त कंपनी को यह ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक होता है कि कंपनी कितना खर्च करेगी कितना बचाएगी और कितना कमाएगी  इन सभी बातों का फाइनेंसियल मैनेजमेंट में बहुत ही ध्यान रखा जाता है और इसका  सही तरीके से  तैयारी की जाती है जिससे कि फाइनेंसियल मैनेजमेंट अच्छी तरीके से हो सके और जिस मकसद के लिए फाइनेंशियल मैनेजमेंट किया गया है वह पूरा हो जाए इस तरीके से फाइनेंसियल मैनेजमेंट किया जाता है

 साथ ही यह भी ध्यान दिया जाता है कि कंपनी को कहां पर इन्वेस्ट करना है जिससे कि कंपनी को ज्यादा प्रॉफिट हो और लो होने वाली जगहों से वनों से होने वाले निर्णयों से कंपनी को बचना भी होगा जिससे  कि कंपनी का लॉस ना हो और ज्यादा से ज्यादा कंपनी को प्रॉफिट करना है और फाइनेंशियल मैनेजमेंट से जुड़े जितने भी कार्य है उन सब की अच्छी तरीके से तैयारी की जाती है

Financial Management Ko Hindi Mein Kya Bolate Hain – फाइनेंसियल मैनेजमेंट को हिंदी में क्या बोलते हैं

फाइनेंसियल मैनेजमेंट को हिंदी में वित्तीय प्रबंधन कहा जाता है जिसमें एक कंपनी द्वारा उत्पादन उसका खर्च इन्वेस्ट एंप्लोई की सैलरी एकाउंटिंग सेल्स सभी फाइनेंशियल मैनेजमेंट के अंदर आता है जिसमें फाइनेंसियल मैनेजमेंट किया जाता है जिसे हिंदी में  वित्त प्रबंधन कहा जाता है

Financial Management Ke Fayde – फाइनेंसियल मैनेजमेंट के फायदे

हम आपको यहां फाइनेंशियल मैनेजमेंट के फायदे विस्तार से बताएंगे जो की बहुत ही आवश्यक है

  • किसी भी संस्था के लिए या कंपनी के लिए फाइनेंसियल मैनेजमेंट का बहुत ही ज्यादा फायदा है
  • किसी भी कंपनी में जितना भी पैसा आया है उसको सही समय पर खर्च करना उस पैसे का बचत करना और  सही जगह पर इन्वेस्ट करना जिससे कि कंपनी को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो
  • संस्था या कंपनी के मैनेजमेंट के बहुत ही जरूरी निर्णय लेने के लिए फाइनेंसियल मैनेजमेंट जरूरी है इसका यह बहुत बड़ा फायदा है
  • किसी भी कंपनी और संस्था को अपने प्रॉफिट को बढ़ाने के लिए फाइनेंसियल मैनेजमेंट आवश्यक है
  • किसी भी कंपनी और किसी भी संस्था की जो वर्तमान वैल्यू है उसको बढ़ाने के लिए भी फाइनेंसियल मैनेजमेंट का बहुत बड़ा फायदा है
  • किसी भी कंपनी और संस्था को आर्थिक तौर से स्थिर करना और उसे मजबूत स्थिति में लाना फाइनेंसियल मैनेजमेंट का बहुत बड़ा फायदा है
  •  भविष्य के लिए कंपनी का टारगेट डिसाइड करना भी फाइनेंसियल मैनेजमेंट का फायदा है
  •  एक फायदा फाइनेंसियल मैनेजमेंट का यह भी है कि कंपनी के खर्चों को संभालना एंप्लाइज की सैलरी देना कंपनी के पैसों को सही जगह पर इन्वेस्ट करना लोन ली गई रकम को वापस लौट आना वह सस्ते दरों पर लोन वापस लेना यह सभी कार्य फाइनेंशियल मैनेजमेंट के फायदे के रूप में जाने जाते हैं

Financial Management Best Book – फाइनेंशियल मैनेजमेंट बेस्ट बुक 

वैसे तो फाइनेंशियल मैनेजमेंट की मार्केट में बहुत सारी किताबें मिल जाएगी लेकिन हम यहां आपको मुख्य किताबे बताएंगे जो फाइनेंशियल मैनेजमेंट के लिए जरूरी है

  • कैपिटल स्ट्रक्चर (इंटेंट एंड प्लान)
  • कैपिटल स्ट्रक्चर (प्रिंसिपल्स एंड डेटर्मिनेन्ट्स)
  • डिविडेंड पॉलिसी
  • मैनेजमेंट ऑफ़ वर्किंग कैपिटल
  • वर्किंग कैश मैनेजमेंट (इन्क्लूडिंग मैनेजमेंट ऑफ़ बिल्स ड्यू)
  • मीनिंग ऑफ़ कैपिटल मैनेजमेंट (इन्क्लूडिंग फैक्टरिंग)
  • रिसीवेबल मैनेजमेंट
  • स्टॉक मैनेजमेंट
  • फाइनेंशियल मैनेजमेंट
  • फाइनेंशियल प्लानिंग
  • कैपिटलाइज़ेशन
  • कैपिटल बजटिंग
  • कॉस्ट ऑफ़ कैपिटल
  • लेवरेज एनालिसिस

Best College For Financial Management

भारत में फाइनेंसियल मैनेजमेंट का कोर्स खूब सारी कॉलेज ए करवाती है लेकिन हम यहां आपको भारत की सबसे बेस्ट कॉलेजेस की लिस्ट यहां बताएंगे

  • Indian Institute of Management – [IIMC], Kolkata – इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट
  • IIM Bangalore – Indian Institute of Management, Bangalore –   इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट बेंगलुरू
  • Indian Institute of Management – [IIM], Indore –  इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट इंदौर
  • XLRI – Xavier School of Management – [XLRI], Jamshedpur – जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट
  • Indian Institute of Management – [IIMK], Kozhikode –  इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट कोझीकोड
  • Shailesh J. Mehta School of Management, IIT Bombay – [SJMSOM], Mumbai – शैलेश ज मेहता स्कूल ऑफ मैनेजमेंट आईआईटी बॉम्बे
  • Parul University, Vadodara –  पारूल यूनिवर्सिटी वडोदरा
  • Department of Management Studies, Indian Institute of Technology – [DOMS], Roorkee –  डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रुड़की
  • Lovely Professional University – [LPU], Jalandhar – लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी जालंधर
  • Indian Institute of Management – [IIMU], Udaipur –  इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट उदयपुर

आज आपने क्या सीखा

आज आपको फाइनेंसियल मैनेजमेंट से जुड़े सवालों के जवाब आपको मिल गए होंगे हमने इस ब्लॉग में आपको सरल व आसान शब्दों में यह बताया कि फाइनेंसियल मैनेजमेंट क्या होता है फाइनेंसियल मैनेजमेंट क्यों आवश्यक है  फाइनेंसियल मैनेजमेंट के प्रकार फाइनेंशियल मैनेजमेंट के लिए योग्यता फाइनेंशियल मैनेजमेंट के लिए तैयारी कैसे करें फाइनेंशियल मैनेजमेंट के फायदे फाइनेंशियल  मैनेजमेंट की बेस्ट बुक्स फाइनेंसियल मैनेजमेंट के लिए बेस्ट कॉलेजेस इन सभी की जानकारी हमें इस ब्लॉग  में आपको एक ही जगह पर पहुंचाई है आशा है कि आप को हमारा यह ब्लॉग  पढ़कर यह समझ में आ गया होगा कि  फाइनेंसियल मैनेजमेंट क्या होता है अगर आपको हमारा यह ब्लॉग अच्छा लगे तो आप अपने परिवार और रिश्तेदारों और साथियों के साथ हमारा ब्लॉक ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और हमारे साथ यूं ही बना रहे आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

फाइनेंसियल मैनेजमेंट को हिंदी में क्या कहते हैं?

फाइनेंसियल मैनेजमेंट को हिंदी में वित्त प्रबंधन कहते हैं इसमें किसी कंपनी व संस्था द्वारा  वित्त या धन  को कंपनी की कार्यों में सही तरीके से लगाना और कंपनी को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाना ही फाइनेंसियल मैनेजमेंट का मुख्य लक्ष्य होता है और इसमें जो भी व्यवस्था होती है उसे फाइनेंशियल मैनेजमेंट कहा जाता है

वित्तीय प्रबंधन के 4 प्रकार क्या हैं?

वित्तीय प्रबंधन या फाइनेंशियल मैनेजमेंट के 4 प्रकार होते हैं
1. पूंजीगत बजट
2. पूंजी संरचना
3. लाभांश निर्णय
4. कार्यशील पूंजी प्रबंधन निर्णय

वित्तीय प्रबंधन का मुख्य कार्य क्या है?

वित्तीय प्रबंधन का मुख्य कार्य कंपनी को सही तरीके से मैनेज करना कंपनी की बचत कंपनी के खर्चे व कंपनी की निवेश को अच्छी तरीके से मैनेज करना ही वित्तीय प्रबंधन का मुख्य कार्य है

वित्तीय प्रबंधन का महत्व क्या है?

वित्तीय प्रबंधन या फाइनेंसियल मैनेजमेंट का महत्व यह है कि कंपनी के पास जो फंड मौजूद है उसको सही तरीके से यूज़ करना  व  धन का सही तरीके से मैनेजमेंट करना वित्तीय प्रबंधन का महत्व है

वित्त के प्रमुख स्रोत क्या है?

वित्त या धन को पाने  का मुख्य स्रोत किए गए कार्य से है कार्य की गुणवत्ता के आधार पर मूल्य निर्धारित होता  है जो कि कार्य के बदले दिया जाता  है वित्त का  प्रमुख स्रोत कार्य ही है जिसे करके वित्त को एकत्रित किया जाता है

वित्त के क्षेत्र कौन-कौन से हैं?

धन और ऋण बाजार
इन्वेस्ट या निवेश
वित्तीय प्रबंधन