फाइनेंशियल ईयर का मतलब क्या होता है – संपूर्ण जानकारी हिंदी में

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आप सभी ने अपने जीवन में प्रत्येक वर्ष नया साल जरूर बनाया होगा और अपने रिश्तेदारों और साथियों को  जरूर नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं भी  दी होंगी लेकिन क्या आपको पता है जिस तरीके से नया साल आता है उसी तरीके से फाइनेंस में प्रत्येक वर्ष फाइनेंशियल ईयर भी आता है  अर्थात वित्त वर्ष भी आता है लेकिन क्या आपको पता है फाइनेंशियल ईयर का मतलब क्या होता है अगर आपको फाइनेंशियल ईयर का मतलब नहीं पता है तो हमारे ब्लॉग  को आप आखिर तक पढ़ते रहे आपको जरूर पता चल जाएगा कि फाइनेंसियल ईयर का मतलब क्या होता है और इसे प्रत्येक वर्ष क्यों मनाया जाता है तो हमारे साथ financeplaninfo.com  के साथ बने  रहिए आगे हम बात करते हैं फाइनेंसियल ईयर का मतलब क्या होता है वह भी आपकी अपनी बोलचाल की भाषा में स्टेप बाय स्टेप फाइनेंशियल ईयर के बारे में पूरी जानकारी एक ही जगह पर |

Table of Contents

फाइनेंशियल ईयर का मतलब क्या होता है

फाइनेंसियल ईयर किसी भी देश या संस्थान के लिए बहुत ही आवश्यक है फाइनेंसियल ईयर को हिंदी में वित्त वर्ष कहा जाता है  जो कि प्रत्येक वर्ष की 1 अप्रैल से शुरू होता है और 31 मार्च को खत्म होता है फाइनेंसियल ईयर  शुरू होते ही चाहे कोई भी देश हो या कोई भी निजी  संस्था या कोई सरकारी संस्था हो फाइनेंसियल ईयर शुरू होते ही वह अपने आर्थिक योजनाओं को लागू करती है और उन योजनाओं को फाइनेंसियल ईयर खत्म होने से पहले पहले पूरा करती है जिससे कि उस देश या संस्था का निरंतर विकास होता रहे

लेकिन आपने यह जरूर नोटिस किया होगा कि कैलेंडर ईयर और फाइनैंशल ईयर के बीच पूरा पूरा 3 महीने का अंतर होता है फाइनेंसियल ईयर हमेशा कैलेंडर ईयर शुरू होने के 3 महीने के बाद 1 अप्रैल से शुरू होता है और 31 मार्च तक खत्म हो जाता है अगर हम बोलचाल की भाषा में बात करें तो फाइनेंशियल ईयर को 2 वर्षों को जोड़कर बनाया जाता है यानी कि दो कैलेंडर को जोड़कर बनाया जाता है   अगर फाइनेंशियल ईयर 1 अप्रैल 2023 से शुरू हुआ तो फाइनेंशियल ईयर 31 मार्च 2024 को खत्म हो जाएगा  इस उदाहरण से आपको पता ही चल गया होगा कि फाइनेंशियल ईयर को 2 वर्षों को जोड़कर बनाया जाता है इसीलिए  फाइनेंशियल ईयर को Fiscal Year( फिस्कल ईयर) भी कहा जाता है क्योंकि इस फाइनेंशियल ईयर में सरकार देश के बजट और टैक्स से संबंधित जितने भी कार्य हैं वह इस फाइनैंशल ईयर में पूरा करती है अब आपको फाइनेंसियल ईयर का मतलब क्या होता है पता चल ही गया होगा और इसके साथ यह भी पता चल गया होगा कि फाइनेंसियल ईयर किस तारीख से शुरू होता है और किस तारीख को खत्म होता है इस सवाल का जवाब भी हमने इससे पैराग्राफ में दे दिया है कुल मिलाकर इस पैराग्राफ का निचोड़ यह है कि फाइनेंसियल ईयर में जितने भी धन से संबंधित कार्य होते हैं वह किए जाते हैं फाइनेंसियल ईयर खत्म होने से पहले पहले और फिर जैसे ही नया फाइनेंसियल ईयर स्टार्ट होता है उसमें वृत्त से संबंधित नई योजनाओं को लागू किया जाता है और उन्हें उस वर्ष के खत्म होने से पहले पहले पूरा किया जाता है और यही फाइनेंसियल ईयर का मतलब होता है

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फाइनेंशियल ईयर और असेसमेंट ईयर में क्या अंतर है

देखिए फाइनेंशियल ईयर और असेसमेंट ईयर में अंतर जानने से पहले हमें यह जानना बहुत जरूरी है कि फाइनेंशियल ईयर और असेसमेंट ईयर का मतलब क्या होता है यानी कि फाइनेंसियल ईयर और असेसमेंट क्या है इन में क्या कार्य किए जाते हैं कि जिसकी वजह से यह अलग अलग है तो आइए अब  जानते हैं कि फाइनेंसियल ईयर और एसेसमेंट ईयर में क्या अंतर है और यह क्या होते हैं

फाइनेंशियल ईयर (वित्त वर्ष ) क्या होता है?

फाइनेंशियल ईयर को हिंदी में वित्त वर्ष बोला जाता है फाइनेंसियल ईयर प्रत्येक वर्ष के 1 अप्रैल से स्टार्ट होता है और अगले वर्ष की 31 मार्च को खत्म हो जाता है फाइनेंशियल ईयर 2 वर्षों की दो कैलेंडर तारीखों से मिलकर बना है उदाहरण के लिए हम मान लेते हैं कि 1 अप्रैल 2023 को फाइनेंसियल ईयर स्टार्ट हुआ और अगले ईयर 2024 की 31 मार्च को फाइनेंसियल ईयर खत्म हो गया इससे यह पता चलता है कि फाइनेंशियल ईयर 2 वर्षों की दो कैलेंडर तारीखों से मिलकर बना है

अब बात कर लेती है कि इनकम टैक्स की भाषा में फाइनेंशियल ईयर को क्या कहा जाता है इनकम टैक्स की भाषा में फाइनेंशियल ईयर को जब वह स्टार्ट होता है उसमें आपकी कमाई खर्चे और जितनी भी आर्थिक गतिविधियां करते हैं उन्हें इनकम टैक्स की भाषा में इसे FY भी लिखा जाता है

जितने भी सरकारी और गैर सरकारी कंपनियां है वह फाइनेंसियल ईयर के लिए ही अपनी योजनाएं लागू करती है और फाइनेंसियल ईयर खत्म होने तक पूरा करती है इसी के साथ ही सरकार भी फाइनेंसर ईयर के लिए ही बजट लागू करती है और फाइनैंशल इयर खत्म होने तक उसे पूरा भी करती है  अब फाइनैंशल ईयर शुरू होने से लेकर खत्म होने तक जो भी  आर्थिक गतिविधियां की जाती है  धन से संबंधित वह सभी फाइनेंसियल ईयर के अंतर्गत ही आते हैं और इसे  ही फाइनेंसियल ईयर कहा जाता है अब आप समझ ही गए होंगे कि फाइनेंसियल ईयर क्या होता है

असेसमेंट ईयर क्या होता है?

असेसमेंट ईयर वह होता है जिसमें फाइनेंशियल ईयर में जितने भी कमाई की है  उस पर जब हम फाइनेंशियल ईयर में टैक्स भरने की बारी आती है अर्थात  जिस वर्ष में हम टैक्स रिटर्न भर रहे हैं उसे  असेस किया जा रहा है तो  जब फाइनेंसियल ईयर की शुरू होने की तारीख उदाहरण के लिए 1 अप्रैल 2023 से शुरू होकर और 31 मार्च 2024  तक का ईयर  असेसमेंट ईयर होगा

हिंदी में असेसमेंट ईयर को निर्धारण या आकलन वर्ष भी कहा जाता है इसके साथ ही शार्ट में  असेसमेंट ईयर को AY  भी कहा जाता है  असेसमेंट ईयर अब शुरू होता है जब वर्तमान फाइनेंसियल ईयर खत्म होता है उसकी अगली तारीख को असेसमेंट ईयर शुरू हो जाता है  उदाहरण के लिए 1 अप्रैल 2023  से लेकर 31 मार्च 2024 को  फाइनैंशल ईयर खत्म होता है उसकी अगली तारीख को असेसमेंट ईयर शुरू हो जाता है

फाइनेंशियल ईयर के दौरान आपने जितने भी कमाई की है उस पर कितना टैक्स बनता है इसका निर्धारण असेसमेंट ईयर के बाद ही पता चलता है 

 आपकी कितनी इनकम हुई आपकी इनकम के सोर्स कितने हैं आपके निवेश में कितनी बढ़ोतरी हुई और कितनी कमी होगी  इन सभी का सटीक अनुमान असेसमेंट ईयर  खत्म होने के बाद ही पता चलता है जैसे ही फाइनेंसियल ईयर खत्म होता है उसकी अगली तारीख को असेसमेंट ईयर  शुरू हो जाता है इनकम टैक्स में इसे असेसमेंट ईयर  का नाम दिया और इसे शॉर्ट में AY  कहा गया  दी गई जानकारी से आप जरूर समझ गए होंगे कि असेसमेंट ईयर क्या होता है

प्रीवियस ईयर क्या होता है

आयकर की भाषा में प्रीवियस ईयर का मतलब यह होता है कि जिस  फाइनेंशियल ईयर में आपने  जितने इनकम या  निवेश किया है उस पर जितना भी आपका टैक्स बनता है उसको निर्धारित प्रीवियस ईयर  से अनुमान लगाया जाता है इनकम पर टैक्स भरने के लिए प्रीवियस ईयर का  महत्व बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है

जैसे कि फाइनेंशियल ईयर की  अप्रैल की 1 तारीख से लेकर आने वाले वर्ष की तारीख 31 मार्च तक आपने जितने भी खर्च किए हैं जितना भी निवेश किया है उन सबको प्रीवियस ईयर में माना जाता है और टैक्स का निर्धारण भी प्रीवियस ईयर के आधार पर किया जाता है

फाइनेंशियल ईयर और असेसमेंट ईयर के उदाहरण (Examples)

हम यहां आपको 1 अप्रैल 2023 से लेकर आने वाले 4 सालों के फाइनेंशियर और असेसमेंट ईयर के उदाहरण देंगे जिनसे कि आप आसानी से समझ पाएंगे कि इन दोनों के बीच अंतर क्या है और कौन सी ऐसी चीजें हैं जो इन्हें एक-दूसरे से अलग बनाती है

कमाई की अवधि (Period) वित्त वर्ष (Financial year-FY) असेसमेंट ईयर (Assessment year-AY)
1अप्रैल 2022 – 31 मार्च 2023 2022-2023 2023-2024
1अप्रैल 2023- 31 मार्च 2024 2023-2024 2024-2025
1अप्रैल 2024- 31 मार्च 2025 2024-2025 2025-2026
1अप्रैल 2025- 31 मार्च 2026 2025-2026 2026-2027

 

भारत में फाइनेंशियल ईयर (वित्त वर्ष) 1 अप्रैल से ही क्यों शुरू होता है?

जब भी देश में देश का वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करता है तो आपके मन में भी यह प्रश्न जरूर आया होगा कि वित्त मंत्री प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को ही देश में बजट क्यों नहीं लागू करते हैं बजट 1 जनवरी को क्यों नहीं लागू करते यह सवाल आपके मन में जरूर आए होंगे इसके पीछे मुख्य दो  कारण है 

  • आपको पता ही है कि भारत के जितने भी कानून है वह अंग्रेजों से बहुत ज्यादा प्रभावित है क्योंकि भारत में अंग्रेजों का शासन रहा था जब अंग्रेजों ने भारत के साथ 1757 में युद्ध जीतने के बाद उनका शासन प्रभावी रूप से भारत में होने लगा था इसके साथ ही भारत में उनके शासन की शुरुआत हुई 1757 से लेकर भारत की आजादी तक उनका  शासन इसी तरह भारत में चलता रहा और आपको इतना जरूर ज्ञात होगा कि अंग्रेज ब्रिटेन से आए थे वह ब्रिटिश मूल के थे और ब्रिटेन में भी विद वर्ष 1 अप्रैल आने वाले साल की 31  मार्च तक चलता है क्योंकि आप सब को पता ही है कि अंग्रेजों ने में जितने भी कानून बनाए थे उनमें से कुछ कानून भारत में आजादी से लेकर आज तक चल रहे हैं जो अच्छे कानून के उन्होंने भारत के संविधान ने ले लिया था
  •  इसके साथ ही आपको पता ही है कि  भारत  का सबसे पुराना धर्म हिंदू धर्म है और यह पुराने जमाने से चला आ रहा है और हिंदू कैलेंडर के अनुसार नए वर्ष की शुरुआत भी चित्र के महीने में नवरात्रा से शुरू हो जाती है यह भी नए वर्ष की शुरुआत में ही पड़ता है  इन्हीं सभी कारणों से 1 अप्रैल से वित्त वर्ष को शुरू करने की परंपरा मिल जाती है इस वजह से भारत में 1 अप्रैल से वित्त वर्ष शुरू होता है और 31 मार्च को वित्त वर्ष खत्म होता है  उन सभी परंपराओं के आधार पर भारत में फाइनेंस ईयर वित्त वर्ष 1 अप्रैल से ही शुरू होता है

क्या अलग-अलग देशों में फाइनेंसियल ईयर अलग होता है

जी हां आप सभी को पता ही है कि हमारी पृथ्वी कितनी बड़ी है और यहां पर कितने ही टाइम जोन अलग-अलग है और सभी देशों का मौसम भी अलग-अलग है इस वजह से वह गार्लिक दृष्टि की वजह से फाइनेंशियल ईयर प्रत्येक देश के अलग-अलग होते हैं किसी के सम्मान भी होते हैं लेकिन ज्यादातर अलग ही होते हैं हम यहां पर कुछ आपको अलग-अलग देशों के फाइनेंसियल ईयर शुरू होने की तिथि बता रहे हैं जिनसे आपको पता चल जाएगा  कि इन देशों का फाइनेंसियल ईयर कब शुरू होता है

देशों के नाम फाइनेंशियल ईयर  शुरू होने और समाप्त होने की अवधि
अमेरिका (USA) 1 October – 30 September
आस्ट्रेलिया 1 July – 30 June
ब्रिटेन 6 April – 5 April
फ्रांस 1 January – 31December
जर्मनी 1 January – 31December

 

नए फाइनेंसियल ईयर की तैयारी कैसे करें

हम आपको फाइनेंसियल ईयर में तैयारी कैसे करते हैं उन  सभी बिंदुओं पर हम आपको संपूर्ण जानकारी देंगे जिससे कि आपको नहीं फाइनेंसियल ईयर की तैयारी करने में बहुत ज्यादा आसानी हो नीचे दिए गए बिंदुओं के आधार पर आप अपना फाइनेंशली एक तैयार कर फाइनेंसियल सकते हैं

निवेश करने के लिए जोखिम जरूर में

आपको पता है कि जब भी लोग किसी चीज़ में इन्वेस्ट करते हैं तो सबसे ज्यादा वह सेफ  इन्वेस्ट करना ही ज्यादा पसंद करते हैं ज्यादातर लोग एलआईसी, पीपीएफ, पोस्ट स्कीम जेसी सरकारी योजनाओं में निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं लोग इस जोखिम से बचने के लिए मार्केट लिंक्ड ऑप्शंस में पैसा लगाने से बचते हैं यहां तक की इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) लंबे समय के लिस्ट में रिटर्न बहुत ज्यादा देते हैं लेकिन आप सभी को पता ही है कि ज्यादातर लोग सरकारी उपक्रमों पर ही विश्वास करते हैं आपको जो फायदा इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम देती है वह एलआईसी पीपीएफ पोस्ट स्कीम जैसी सर्विसेज भी नहीं दे सकती क्योंकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत ELSS पर टैक्स में छूट तो मिलता ही है उसके साथ साथ महंगाई दर  से भी ज्यादा रिटर्न मिलता है

जल्द से जल्द निवेश की शुरुआत कर देना चाहिए

लोगों की सबसे बड़ी गलती यही है कि फाइनेंशियल ईयर के आखिर में लोग टैक्स बचाने की कोशिश करते हैं आप भी उनमें से हैं तो  फाइनेंशियल ईयर के आखिर में  टैक्स  से जुड़े प्लान बनाना आपके लिए भी जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि आप जल्दबाजी में कम रिटर्न देने वाले ऑप्शन चुनने में बहुत बड़ी गलती कर सकते हैं इसीलिए एक्सपर्ट का यही कहना है कि जब भी फाइनेंसियल ईयर शुरू हो जाता है उसी वक्त से आप टैक्स प्लानिंग और निवेश करने की जल्द से जल्द शुरुआत कर दें

ज्यादा से ज्यादा रिटर्न कर कमाने पर फोकस

जितना ज्यादा टैक्स सेविंग करना जरूरी है उतना ही ज्यादा टैक्स रिटर्न कमाना भी बहुत जरूरी है हमेशा एक ही बात ध्यान रखनी चाहिए कि जितने भी सबसे अच्छे इन्वेस्टिंग टूल  से उन पर ध्यान देना चाहिए जब भी आप अपनी टैक्स  सेविंग की प्लानिंग कर रहे हो तो उसके साथ ही जैसी ही नया  फाइनेंशियल ईयर स्टार्ट होता है उसी वक्त से आप एक सेविंग के साथ-साथ टैक्स रिटर्न के भी प्लान बनाना शुरु कर दें क्योंकि जिससे आपको ज्यादा टैक्स रिटर्न का फायदा होगा

टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्टमेंट ना करें

हमेशा आपको एक बात को ध्यान में रखकर  चलना होगा कि आपको जितना भी टैक्स सेविंग करना है उसके साथ ही आपको उससे ज्यादा टैक्स रिटर्न भी करना है क्योंकि आप जल्दबाजी में गलत पैसे ले लेते हैं जिसकी वजह से आपको टैक्स रिटर्न बहुत कम मिलता है इसीलिए आपको सबसे पहले टैक्स रिटर्न का फायदा देखना होगा ना कि टैक्स सेविंग का जब भी आप निवेश करने की प्लानिंग कर रहे हो तो उसमें आप टैक्स रिटर्न भी जरूर देख लें जिससे कि आपको और अधिक फायदा हो सकता है

आज आपने क्या सीखा

आज आपको हमारे इस ब्लॉग  से पता चल ही गया होगा कि फाइनैंशल ईयर का मतलब क्या होता है हमने आपको इस ब्लॉग में फाइनेंशियल ईयर से जुड़ी सभी जानकारियां लेने की पूरी पूरी कोशिश की है इसके साथ ही हमने यह भी बताएं कि फाइनेंशियल ईयर क्या होता है  और असेसमेंट ईयर और प्रीवियस ईयर क्या होता है यह भी हमने आपको ब्लॉग में बताया और  हमने आपको यह भी बताया कि फाइनेंशियल ईयर के फायदे क्या होते हैं और भारत में फाइनेंशियल ईयर 1 अप्रैल से शुरू होता है और उन देशों के नाम भी बताएं जिनमें फाइनेंसियल ईयर अलग-अलग तारीख से शुरू होता है यह सभी जानकारियां हमने आपको हमारी ब्लॉक फाइनेंसियल ईयर का मतलब क्या होता है इसमें पूरी पूरी जानकारी देने की कोशिश की है आशा है कि हमारी दी गई जानकारियों से आप संतुष्ट हो गए अगर आपको हमारा यह ब्लॉक आपको पसंद आया है तो आप अपने परिवार रिश्तेदारों और साथियों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें  हमारे नए ब्लॉग पढ़ने के लिए हमारी गूगल न्यूज़ चैनल को  फॉलो कर ले धन्यवाद

FAQ’s

फाइनेंशियल ईयर को हिंदी में क्या कहते हैं?

फाइनेंसियल ईयर को हिंदी में वित्त वर्ष का जाता है

फाइनेंशियल ईयर कब से कब तक होता है?

फाइनेंशियल ईयर भारत में   प्रत्येक वर्ष की 1 अप्रैल से शुरू होता है और आने वाले वर्ष की 31 मार्च को खत्म होता है

बैंक का नया साल कब शुरू होता है?

बैंक का नया  साल  अर्थात फाइनेंशियल ईयर 1 अप्रैल से शुरू होता है और 31 मार्च को खत्म हो जाता है

वित्तीय वर्ष क्यों होता है?

वित्तीय वर्ष अर्थात फाइनेंशियल ईयर 1 वर्ष का होता है जिसमें की प्रत्येक कंपनियां और सरकारी अपने वित्तीय प्रदर्शन को मापने के लिए  योजनाएं बनाती है जो कि फाइनेंशियल ईयर शुरू होने से आखिर तक योजनाओं को  वित्तीय वर्ष में लागू किया जाता है

सबसे हाल का वित्तीय वर्ष कौन सा है?

अभी वर्तमान में  वित्त वर्ष 2022-2023 चल रहा है जो कि 2023 31 मार्च को खत्म हो जाएगा

नया वित्त वर्ष कब आने वाला है

नया वित्त वर्ष 1 अप्रैल 2023 को शुरू होगा और 31 मार्च 2024 को खत्म होगा